भूमण्डलीकरण के दौर में मजदूर वर्ग के आन्दोलन और प्रतिरोध के नये रूप और रणनीतियाँ
भूमण्डलीकरण के दौर में मजदूर वर्ग के आन्दोलन और प्रतिरोध के नये रूप और रणनीतियाँ द्वितीय अरविन्द स्मृति संगोष्ठी में प्रस्तुत आधार आलेख अभिनव सिन्हाभूमण्डलीकरण और अनौपचारिकीकरण के दौर में मजदूर वर्ग के संघर्ष और प्रतिरोध के नये रूपों को ईजाद करने का कार्यभार एक चुनौतीपूर्ण कार्यभार है। इसे निभाने के लिए हमें हर प्रकार के अर्थवादी, अराजकतावादी और कठमुल्लावादी नजरिये से निजात पानी होगी; पूँजीवाद की कार्य-प्रणाली और मजदूर वर्ग की संरचना और प्रकृति में आए बदलावों को समझना होगा; पूँजी द्वारा श्रम के विरुद्ध अपनायी गयी नयी रणनीतियों को समझना होगा; इसके बिना हम मजदूर वर्ग के प्रतिरोध के नये रूपों और रणनीतियों का रचनात्मक तरीके से निर्माण नहीं कर सकते। जब तक हम यह नहीं करते, मजदूर आन्दोलन के उस संकट का समाधान भी नहीं हो सकता है, जिसके बारे में हमने शुरुआत में बात की थी। आज देश के और दुनिया भर के मजदूर आन्दोलन के गतिरोध को तोड़ने के काम का एक महत्वपूर्ण पहलू भूमण्डलीकरण के दौर में मजदूर वर्ग के प्रतिरोध के नये रूपों की ईजाद है। और ऐसा सोचने वाले दुनिया में हम अकेले लोग नहीं हैं।